दिल करता कुछ ऐसा लिखू
जो भी पढ़े आनंद मिले |
फूलों की सी रंगत हो जिसमे
तितलियों की सी शोखी हो
सागर सी गहराई हो
नदियों सा बहाव हो ||
सूरज सी धुप हो
चन्दा की छाँव हो
सुर हो लय हो
ताल बेमिसाल हो |
दिल करता कुछ ऐसा लिखू
जो भी पढ़े आनंद मिले |
इंद्रधनुष से रंग हो
अपनों की खुशियाँ संग हो
झुरमुट की सरगोशी हो
प्यालो की मदहोशी हो |
झरनों का राग हो
होली का फाग हो
बचपन की किलकारी हो
यौवन की आग हो
दिल करता कुछ ऐसा लिखू
जो भी पढ़े आनंद मिले |
खुद को सुकून हो
आनंद परमानंद हो
आह हो घाव हो
दिल के मेरे भाव हो |
कुछ सपने हो
कुछ यादे हो
कुछ बीते दिनों की
बाते हो |
दिल करता कुछ ऐसा लिखू
जो भी पढ़े आनंद मिले |
2 comments:
सुन्दर अभिव्यक्ति बेहतरीन पंक्तियां .........फूलों की सी रंगत हो जिसमे
तितलियों की सी शोखी हो
सागर सी गहराई हो
नदियों सा बहाव हो ||
सूरज सी धुप हो
चन्दा की छाँव हो
सुर हो लय हो
ताल बेमिसाल हो |
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