गम की ना करे कोई बात यहाँ
खुशियों को जगह कम पड जाती
देख अठखेलियाँ खुशियों की
खुशियाँ भी जिद पे अड जाती ।
खुद की खुद ही बलैयाँ लू
आप सराहू और वारी जाऊं
खुशियाँ है सच्चे मोती सी
धरती पे स्वर्ग कहाँ पाऊं ।
माँगा ना कभी कुछ दाता
बिन मांगे बरसा प्यार तेरा
झोली पड़ गयी छोटी मेरी
दाता मुझपर उपकार तेरा ।
लक्ष्मीपूजा लक्ष्मी घर आई
शिवरात्री बाबा खुद आन बसे
देवों का है वास मेरे घर में
खुशियाँ आने से कैसे बचे ।
1 comment:
वाकई बहुत खूबसूरत लिखा आपने....वाह
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