दरिया है समंदर है
न जाने क्या क्या इसके अन्दर है ||
गहरा गहरा धुँवा है
गहरा गहरा धुँवा है
अँधेरा सा कुँवा है ||
सूरज का ताप है
सूरज का ताप है
मद्धम मद्धम आग है ||
लहरों का ज्वार भाटा है
लहरों का ज्वार भाटा है
मीलों तक सन्नाटा है||
दरिया है समंदर है
न जाने क्या क्या इसके अन्दर है||
टूटे हुए खवाब है
अनसुलझे राज है||
जख्मो के दाग है
कई बिगड़े साज है||
कहीं कोने में दबा पड़ा
प्यार का मीठा राग है ||
दरिया है समंदर है
न जाने क्या क्या इसके अन्दर है ||
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