Tuesday, August 5, 2014

कैसा कैसा हाय रे पैसा

तिगनी का नाच नचावे पैसा 
कैसा कैसा हाय रे पैसा 
पैसा हो तो सब अपने है
ना हो पास तो बस सपने है ||

दोष खोट सब ढांके पैसा
इज्जत अपनी आंके पैसा 
पैसे बिन सब सुनी खुशियाँ 
पास हो पैसा दुनी खुशियाँ||

खूब कमाया जमाया पैसा 
मिल गया माटी रह गया पैसा 
खर्च किया जीवन को ऐसा 
साथ गया ना फिर भी पैसा ||

रिश्ते नाते भुलावे पैसा 
दोस्त दुश्मन बनावे पैसा 
चैन, सुकूं भुलावे पैसा 
प्राण कभी ना लावे पैसा ||

पैसे की है अजब ही माया
कोई ना इससे कभी बच पाया 
तिगनी का नाच नचावे पैसा 
कैसा कैसा हाय रे पैसा

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