Monday, August 11, 2014

क्या सच में स्वतंत्र है हम ??

क्या सच में स्वतंत्र है हम ??

भ्रूण स्वतंत्र नही अग्नि परीक्षा से
बेटा वंश बढाए उस इच्छा से
बेटी  स्वतंत्र नही दहेज़ से
उसकी पढाई लिखाई के परहेज से ||

देश स्वतंत्र नही भ्रस्टाचार से
नेताओ और मंत्रियो के अत्याचार से
सोच स्वतंत्र नही कुरीतियों से
अन्धविश्वास और रुढियो की जकड से ||

समाज स्वतंत्र नही सोच से
दुसरो का भला करने के बोझ से 
बुजुर्ग स्वतंत्र नही व्रद्धाश्रम से
कब पहुंचा दिए जाए इस गम से ||

व्यापारी स्वतंत्र नही कालाबाजारी से
पैसा कमाने की महामारी से
शिक्षा स्वतंत्र नही डोनेशन से
बिना पैसे ना होते एडमिशन से||

भगवान स्वतंत्र नही गुरुओ से
गुरु स्वतंत्र नही भोग से
जिन्दगी स्वतंत्र नही मौत से
कब आ जाए इस खौंफ से ||

क्या सच में स्वतंत्र है हम  ??


सरिता पन्थी

4 comments:

Anonymous said...

बहुत ही सुन्दर और प्रशाशनिये रचना

मुकेश कुमार सिन्हा said...

स्वतंत्रता हासिल करने में समय लगेगा....... लेकिन कोशिश करने में क्या जाता है !!

ह्रदय क्रंदन said...

Thanx Anand Sharma

ह्रदय क्रंदन said...

Ji Mukesh ji koshish jaari rahni chahiye