Tuesday, August 5, 2014

मेरी बेटी

मेरी आँखों से जान लेती है वो मेरे दिल की बात
रूह में महकती है वो मेरे साथ साथ||

तेरा होना मेरे होने की पहचान है
तुझमें ही बसी हम सब की जान है||

पल पल तेरा बढ़ना मुझे बडा कर गया
बढ़ गयी बेटी मेरी तो दिल डर गया||

कैसी ये रीत लोगो ने है बनाई
कैसे सौप दू अपने जीवन की कमाई||

यही मेरी पूँजी है यही मेरी धरोहर है
जन्म लिया किस घर में और सम्हालना कोई और घर है||

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