एक तुझे पाने की चाह में
बरसो हो गये चलते चलते||
बरसो हो गये चलते चलते||
दुरी आज तक वही बनी हुई है
अब तो बालो में भी सफेदी आ गयी ||
ना जाने और कितना वक़्त लगेगा
अब तो होंसले भी जवाब देने लगे है ||
कितना मजबूर है ये दिल
तेरे प्यार के आगे ||
ना तुमने ही अपनी फितरत बदली
ना ये दिल ही खुद को बदल सका ||
वक़्त फिसलता रहा
उम्र ढलती रही ||
दिल को तेरी आस नही जाती
कभी तो तुम भी कहोगे ||
की तुम मेरी जिन्दगी हो
तुम मेरी जिन्दगी हो ||
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