Thursday, October 9, 2014

जिन्दगी का नया सफ़र

आज फिर एक नये सफ़र की रवानी है
जिन्दगी बहते दरिया का पानी है ||

ठहरती हुई जिन्दगी ने
एक बार फिर से गति पकड़ी है||

हर नया मोड़ एक नई मंजिल दिखा रहा है
यादों में दफ़न सपने सामने बैठकर मुस्करा रहे है||

डरती हूँ नए सफ़र में जाने को
बांकी है जिन्दगी में अभी बहुत कुछ पाने को ||

एक सफ़र ही तो है जिन्दगी
और सफर में संघर्ष जारी है||

फितरत नही है मेरी यूँ हार कर बैठ जाना
बहुत देर से आई पर अब आई मेरी भी बारी है|| 

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